फरीदाबाद, (सरूप सिंह)। केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि वर्तमान सरकार अंत्योदय की भावना के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई Mukhmantri Tirth Yatra Yojna इसी अंत्योदय की भावना को साकार करती है। केंद्रीय राज्यमंत्री शुक्रवार को बल्लभगढ़ बस अड्डे पर फरीदाबाद से अयोध्या धाम जाने वाले वातानुकुलित वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए संबोधित कर रहे थे।
जो लोग अयोध्या में रामलला के दर्शनों के इच्छुक हैं वो Saral Haryana पर जाकर स्वयं या अटल सेवा केंद्र से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
इस वोल्वो बस में 37 श्रद्धालु फरीदाबाद से अयोध्या धाम रवाना हुए हैं। सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि पोर्टल पर पंजीकृत यात्रियों को अयोध्या दर्शन, श्री हरमिंद्र साहिब गुरुद्वारा, श्री पटना साहिब गुरुद्वारा, काशी-विश्वनाथ मन्दिरों का दर्शन करवाया जाना शामिल है। इसके अलावा अन्य तीर्थ स्थानों के लिए भी धीरे-धीरे पोर्टल खोलेंगे ताकि और तीर्थ यात्री जो देश में अन्य तीर्थस्थानों पर जाने के इच्छुक हैं, वे अपना रजिस्ट्रेशन कर सकें।
उन्होंने कहा कि अभी रजिस्ट्रेशन के लिए 1 लाख 80 हजार रुपये सालाना से कम आय वाले तथा 60 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए यह सुविधा नि:शुल्क दी जा रही है। प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रभु श्रीराम जी के जन्म स्थान अयोध्या में मन्दिर बनाने को लेकर 500 साल पुराना संघर्ष था, लेकिन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम लला के मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा करके देश के गौरव को बढ़ाया है।
लोगों की इच्छा थी कि वे राम मन्दिर के दर्शन करें, इसलिए हरियाणा सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की घोषणा की। छह मार्च को करनाल से पहली बस रवाना हुई और फरीदाबाद से योजना के तहत दूसरी बस को रवाना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन तीर्थयात्रियों का रात्रि ठहराव लखनऊ में किया गया है, जहां पर उनका जलपान व भोजन की व्यवस्था की गई है तथा उसके बाद अयोध्या में श्रीराम लला जी के दर्शन करेंगे।
वापसी में फिर से लखनऊ में रात्रि ठहराव के बाद तीर्थ यात्री 11 मार्च को वापिस फरीदाबाद लौटेंगे। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अलग-अलग स्थानों से बसें तथा ज्यादा संख्या होने पर ट्रेनें भी बुक कराई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इन तीर्थ यात्रियों में सभी लोग ऐसे हैं जिनकी अपने अराध्य प्रभू श्रीरामलला के दर्शन की बहुत इच्छा थी लेकिन संसाधन न होने की वजह से नहीं जा पा रहे थे।