नई दिल्ली, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव हर बार की तुलना में थोड़े अलग और ऐतिहासिक हैं। हर बार तमाम बड़ी राजनीतिक पार्टियां, क्षेत्रीय पार्टियां Backward Class-A तबकों को चुनाव में पूरी तरह दरकिनार करती थीं और उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी का सवाल उनके लिए कभी ज़रूरी नहीं रहा था। लेकिन, पिछले कुछ सालों में हरियाणा छिटपुट सही, लेकिन “बड़े बदलाव” से गुज़रा है।
पिछले समय में हरियाणा के अंदर BC-A की जातियों में राजनीतिक हिस्सेदारी की चेतना तेजी से बढ़ी है और ये सवाल हर जगह बनना शुरू हुआ है कि हम कहां हैं? इसी सवाल की बदौलत इस बार हमारे पास मौजूद नामों के अनुसार 32 साथी अलग अलग राजनीतिक दलों से और अधिकांश निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। याद रहे की हमारी पहुंच सीमित होगी और कुछ नाम इसमें रह गए होंगे।
इस तरह मान लिया जा सकता है कि कम से कम 40 से 45 लोग इस बार BC-A के मैदान में हैं। हर बार जो वर्ग महज वोट देने के काम लिया जाता था, इस बार वो अपने सवालों के लिए थोड़ा सजग है ये बड़ी बात है। सच है कि अभी ये बहुत परिपक्व नहीं होगा। समय लगेगा, लेकिन इस चुनाव को इस दिशा में एक अच्छी शुरुआत कहा जा सकता है।
जीत और हार का ही सवाल नहीं है, सवाल है कि हम कहां हैं इस समाज में, इस राजनीति में? क्यों हमें हमारे सवालों को उठाने की जगह नहीं मिलती। इस बार जो 32-40 प्रत्याशी मैदान में हैं उन्हें बधाई। कारवां आगे जारी रहना चाहिए…