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बसों को ही मिलेगा प्रवेश दिल्ली में स्वच्छ ईंधन वाली

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए केवल स्वच्छ ईंधन से चलने वाली बसों को ही प्रवेश दिया जाएगा. केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अन्य राज्यों से आने वाली बसों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. साथ ही बसों को स्वच्छ ईंधन वाली बसों में बदलने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा निर्धारित की गई है.

देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में दिल्ली-एनसीआर को शामिल किया जाता है. सर्दी में खासकर स्थिति और भयावह हो जाती है. इस दौरान स्मॉग के चलते सांस लेना दूभर हो जाता है. इसी क्रम में प्रदूषण की रोकथाम के लिए अब अन्य राज्यों से दिल्ली-NCR आने वाली बसों पर ध्यान केंद्रित किया है. केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर से NCR में आने वाली बसों के बेड़े में बदलाव करने को कहा गया है.

31 मार्च 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की गई अन्य राज्यों से दिल्ली-एनसीआर आनेवाली करीब 40 फीसदी बसें स्वच्छ ईंधन से संचालित हो रही है. 31 दिसंबर तक बाकी बसों को भी स्वच्छ ईंधन से ही संचालित करना होगा. इसमें सिर्फ उत्तराखंड को छूट मिली है. उत्तराखंड से NCR के लिए कुल 541 बसों का संचालन किया जाता है. इसमें 162 बसें स्वच्छ ईंधन से संचालित हो रही है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के समक्ष उत्तराखंड ने 31 दिसंबर तक अपनी 190 अन्य बसों को भी सीएनजी संचालित करने की बात कही है. बाकी बची हुई बसों के लिए 31 मार्च 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की गई है.

क्या है स्वच्छ ईंधन से संचालित वाहन

स्वच्छ ईंधन से केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का तात्पर्य CNG , इलेक्ट्रिक और BS-6 मानकों वाले डीजल वाहनों से है. सामान्य वाहनों की तुलना में इन वाहनों से प्रदूषण कम होता है, जिसके चलते इन्हें चलाने का परामर्श दिया जाता है.

NEWS SOURCE : lalluram

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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