नई दिल्ली, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। हरियाणा के Chief Minister Manohar Lal ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे को शिक्षा के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने के लिए zero dropout policy पर काम किया जा रहा है ताकि अगले वर्ष तक प्रदेश में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहें। इसके लिए छ: से 18 वर्ष आयु के करीब 48 लाख बच्चों के शिक्षा के स्टेटस को जानने के लिए ट्रैक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में सत्या स्कूल के उद्घाटन के बाद विद्यार्थियों, अभिभावकों व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने स्कूल का उद्घाटन करने के उपरांत नवनिर्मित भवन का अवलोकन करते हुए अलग-अलग कक्षाओं व लैब में जाकर विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरक व्यक्तित्वों के बारे में भी बताया और सवाल भी पूछे।
हरियाणा में 2025 तक लागू होगी New National Education Policy
मनोहर लाल ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना से अगले वर्ष तक प्रदेश के सभी 135 खण्डों में दो-दो अर्थात कुल 270 पीएम-श्री स्कूल खोले जाएंगे। हर खण्ड में यह मॉडल स्कूल होंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई है। जिसे देश भर में 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया लेकिन हरियाणा में इसे 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
कोविड काल में दिखा भारत का टेलेंट
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब भी देश में टेलेंट की कमी नहीं है और दुनिया की बड़ी कंपनियों, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों व अंतरिक्ष से जुड़े कार्यक्रमों में भारतीयों की संख्या प्रशंसनीय है। उन्होंने कोविड काल का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दौर को चुनौती के रूप में स्वीकारा और भारतीय वैज्ञानिकों ने कम समय में दो-दो वैक्सीन तैयार कर दुनिया को एक नई राह दिखाई।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दिए साढ़े पांच लाख टेबलेट
उन्होंने 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समय के साथ चीजें बदलती है। हरियाणा में फाइव एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन व स्वाभिमान के साथ-साथ सुशासन को भी जोड़ा गया। जिसके बीते आठ वर्ष से अधिक समय में सकारात्मक परिणाम निकले। देश में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों को टैक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए दसवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को साढ़े पांच लाख टेबलेट वितरित किए गए।
क्लस्टर योजना में पढ़ाई के साथ skill development पर भी दिया जाएगा ध्यान
उन्होंने हरियाणा में शिक्षा के तंत्र को विकसित बनाने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण कलस्टर योजना का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश के हर चार-पांच गांवों का एक क्लस्टर बनाया गया है। जिसमें एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऐसा होगा जहां तीनों संकाय-कला, विज्ञान व वाणिज्य की पढ़ाई के साथ स्वरोजगार के लिए बच्चों के कौशल को भी विकसित किया जाएगा। इसी तरह छात्राओं के शिक्षण संस्थानों तक आवागमन को सुरक्षित बनाने के लिए 150 नई बसें भी खरीदी गई है।