योजना का लाभ लेने के लिए सभी स्रोतों से वार्षिक आय होनी चाहिए तीन लाख रुपए
गलत तरीके से पेंशन लाभ लेने पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ की जाएगी रिकवरी
पलवल, (सरूप सिंह)। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि हरियाणा दिव्यांग पेंशन रूल्स-2025 के तहत हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश में अब 21 गंभीर बीमारियों को दिव्यांग पेंशन की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से थैलेसीमिया, हीमोफीलिया के रोगों से ग्रस्त मरीजों के साथ ही अब मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रोग से ग्रस्त मरीजों को भी दिव्यांग पेंशन पेंशन दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीज ही दिव्यांग पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे। वह हरियाणा का निवासी एवं आवेदन करते समय तीन वर्ष से हरियाणा में रह रहा होना चाहिए। आवेदक की सभी स्रोतों से वार्षिक आय तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार दिव्यांग पेंशन के लिए 21 बीमारियों को शामिल किया है।
इसमें चलने-फिरने में असमर्थ दिव्यांग, कुष्ठ रोग, मस्तिष्क पक्षाघात, मांसपेशीय दुर्विकास, अंधापन, कम दृष्टि, श्रवण दोष, वाणी और भाषा दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, मानसिक बीमारी, दीर्घकालिक तंत्रिका संबंधी बीमारी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल सेल रोग, बहु विकलांगता, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, Acid Attack Victims एवं dwarfism आदि विकार शामिल हैं।
दिव्यांग पेंशन नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी :
सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय (सेवा) विभाग की ओर से हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। दिव्यांग पेंशन ले रहे मरीज ठीक हो गए हैं या नहीं, इस संबंध में सिविल सर्जन द्वारा थैलेसीमिया और हीमोफीलिया प्रमाण पत्रों का हर साल सत्यापन किया जाएगा। राज्य सरकार से दिव्यांग पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए रोगी का हरियाणा का मूल निवासी होना आवश्यक है।
साथ ही रोगी 3 साल से हरियाणा में रहता हुआ भी होना चाहिए। हरियाणा प्रदेश में 60 फीसदी से अधिक दिव्यांगों को पेंशन का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत लाभ की दर 3000 रूपये प्रति माह या सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधन अनुसार की जाएगी।
योजना के तहत गलत लाभ लेने पर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ की जाएगी रिकवरी :
उपायुक्त ने बताया कि यदि यह पता चलता है कि लाभ झूठे आधार पर या गलत जानकारी पर प्राप्त किया गया था, तो जिला समाज कल्याण अधिकारी को लाभ रोकने का अधिकार है। ऐसे मामलों में, भुगतान की गई राशि प्रति वर्ष 12 प्रतिशत ब्याज के साथ बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।