अंबाला, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। दिल्ली एनसीआर में इन दिनों आबोहवा इतनी ख़राब हो जाती है की वायु गुणवत्ता सूचनाक 360 से 400 के खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। इसके साथ दिल्ली देश ही नहीं दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो जाता है। इसके लिए सरकारें अपने स्तर पर प्रयास कर रही है जिसमे किसनो को पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहन राशि के लेकर मुक़दमे भी शामिल हैं।
इसके साथ ही धान की पराली जलाने के मुद्दे पर इन दिनों हरियाणा में माहौल काफी संवेदनशील बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार काफी सख्त कार्रवाई करने में जुटी है। पराली को आग लगाने वाले किसानों पर चालान के बाद अब एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। अंबाला में 45 किसानों से पराली जलाने पर 1 लाख 5 हजार रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है, वहीं तीन किसानों पर FIR दर्ज की गई है जिसमें 2 महिलाएं शामिल है।
किसान बोले- मजबूरी में जलानी पड़ती है पराली
वहीं सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ किसानों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। किसानों का कहना है कि हम अन्न उगा कर देश का पेट भरते है लेकिन हमारे ही खिलाफ ऐसी शर्मनाक कार्रवाई की जा रही है। किसानों का कहना है कि हम पराली को आग किसी शौंक से नहीं बल्कि मजबूरी में लगाते है। गरीब किसान कैसे इतनी महंगी मशीनें खरीदे। हमें सरकार द्वारा दी जा रही 1 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि नहीं चाहिए, बस सरकार हमारी पराली खुद उठवा दें ताकि हम समय से अगली फसल बीज सकें।
अंबाला के जिला कृषि अधिकारी जसविंदर सैनी ने बताया कि हमारे पास अभी तक डायरेक्टरेट से 73 लोकेशन आई थी जिसमें से 45 मामलों में आग लगनी पाई गई है। सभी किसानों के चालान काट जुर्माना वसूला गया है, 3 किसानों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है जिसमें गांव डेरा सलिमपुर की 2 महिला किसान भी शामिल है। जिले में 80 फीसदी फसल कट चुकी हैं। इस बार बहुत कम पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। पराली जलाने वाले 35 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री करवा दी गई है।
Author: Prime Haryana
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