बंधवाड़ी टोल प्लाजा पर आज से Fastag सिस्टम शुरू होने से गुरुग्राम फरीदाबाद और दिल्ली के लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। काफी समय से लोग इसका इंतजार कर रहे थे। अभी Faridabad Gurugram Toll Plaza पर ट्रैफिक का दबाव रहता है। इससे छुटकारा मिल सकेगा। टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 50 हजार से अधिक वाहन निकलते हैं। इनमें से अधिक वाहन गुरुग्राम एवं फरीदाबाद के ही होते हैं।

आखिर वह दिन आ ही गया जिसका वर्षों से लाखों लोगों को इंतजार था। रविवार एक सितंबर से बंधवाड़ी टोल प्लाजा में विकसित फास्टैग सिस्टम चालू हो गया है। इससे गुरुग्राम, फरीदाबाद के साथ ही दिल्ली के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। उन्हें ट्रैफिक का दबाव नहीं झेलना पड़ेगा। मालूम हो की 21 लेन के टोल प्लाजा से प्रतिदिन गुजरते हैं 50 हजार वाहन दोनों तरफ आते जाते हैं।
मिलेगी ट्रैफिक दबाव से राहत
गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर संचालित बंधवाड़ी टोल प्लाजा पिछले कई सालों से ट्रैफिक जाम का प्रतीक बना हुआ है। न केवल पीक आवर के दौरान यानी सुबह आठ बजे से 11 बजे तक एवं शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक बल्कि 24 घंटे ट्रैफिक का दबाव रहता है।
इससे निजात पाने के लिए लोग टाेल प्लाजा में फास्टैग सिस्टम विकसित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। लोगों की इस मांग को दैनिक जागरण ने अभियान के माध्यम से प्रमुखता से उठाया। कुछ ही महीनों के भीतर लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है।
लोगों ने जताई ख़ुशी
उद्योग विहार में गारमेंट प्रिंटिंग का कारोबार करने वाले सुनील शर्मा कहते हैं कि वह व उनके कई जानकार पिछले कई सालों से फास्टैग की मांग कर रहे थे। कोई ध्यान ही नहीं दे रहा था। यहां तक कहा जाता था कि इस टोल प्लाजा में फास्टैग सिस्टम विकसित नहीं किया जाएगा। जब दैनिक यात्रियों ने इस मामले को प्रमुखता से उठाना शुरू किया, फिर टोल संचालन कंपनी से लेकर प्रदेश सरकार ने सक्रियता दिखानी शुरू की।
फरीदाबाद डबुआ कॉलोनी निवासी धर्मदेव कहते हैं कि वह फरीदाबाद से गुरुग्राम आते जाते रहते हैं। कभी ऐसा नहीं मिला जब टोल प्लाजा पर ट्रैफिक दबाव न हो। गुरुग्राम एवं फरीदाबाद का विकास प्रभावित होने लगा था। लोगों से अपील है कि अपने वाहनों में फास्टैग लगा लें। इससे सभी को लाभ होगा।
प्रतिदिन निकलते हैं 50 हजार से अधिक वाहन
टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन 50 हजार से अधिक वाहन निकलते हैं। इनमें से अधिक वाहन गुरुग्राम एवं फरीदाबाद के ही हाेते हैं। अन्य इलाकों में वाहनों दिल्ली की संख्या अधिक रहती है। पैसेंजर कार यूनिट के हिसाब से देखें तो प्रतिदिन औसतन 70 हजार वाहन निकलते हैं।
इतने वाहनों के लिए लेन की संख्या कम से कम 35 से 40 के बीच होनी चाहिए थी जबकि 21 लेन ही है। इस वजह से ट्रैफिक का दबाव दोनों तरफ बना रहता है। फास्टैग सिस्टम चालू होने के बाद कुछ दिनों तक परेशानी रहेगी लेकिन धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।
जब तक सभी वाहनों में फास्टैग नहीं लग जाते तब तक दोनों तरफ की तीन-तीन लेन कैश वाले वाहनों के लिए निर्धारित रहेगी। जब 90 प्रतिशत से अधिक वाहनों में फास्टैग लग जाएंगे फिर दोनों तरफ की एक-एक लेन कैश वाले वाहनों के लिए निर्धारित की जाएगी।
