नई दिल्ली, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। पंचनद स्मारक समीति के सदस्यों ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी Avimukteshwaranand Saraswati से दिल्ली उनके आश्रम पर मुलाकात की। इस मौके पर पंचनद स्मारक समीति के अध्यक्ष डॉ श्रीराम आहुजा ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द से अयोध्या बन रहे राम मन्दिर पर नाराजगी छोड़कर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आर्शिवाद देने की बात कही।
जवाब में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने स्पष्ट कहा कि वे ना तो नरेंद्र मोदी से नाराज हैं और ना ही किसी पार्टी से नाराज हैं। राम मन्दिर उनका भी सपना है जो साकार होने जा रहा है तो नाराज होने वाली बात ही नहीं। और जहां तक मोदी जी को आर्शिवाद देने की बात है तो मोदी जी के सदैव हितैषी ही रहे हैं।
अगर हम उन्हें कोई गलती करने से आगाह कर रहे हैं तो हम उनके शत्रु नहीं है बल्कि उनके सच्चे हितैषी हैं कि अगर आप शास्त्र विरुद्ध कोई कार्य करेंगे तो उसके उन्हें कहीं गलत परिणाम ना भुगतने पड़े। शंकराचार्य ने कहा की धार्मिक कार्य शास्त्र सम्मत होने चाहिए। साथ ही शंकराचार्य ने प्रधान मंत्री द्वारा हिंदुत्व के लिए किये जाने वाले कार्यों की भी सरहाना की।
पंचनद स्मारक समीति ने शंकराचार्य के साथ हुई इस बैठक में बताया कि समीति धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को तेजी देने जा रही है। जिसमें 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान आए उन भारतीयों को आबंटित जमीन को दिलवानाए जो आबंटित तो हुई लेकिन आज तक उन्हें मिली नहीं के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रक्रिया को तेज करना शामिल है।
पंचनद स्मारक समीति का एक विशिष्ट दल जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलेगा और पंचनद में की जा रही सभी प्रकार की गतिविधियों की जानकारी देने के साथ साथ 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन की विभिषिका से प्रभावित लोगों की जमीन दिलाने, स्मारक बनाने और 14 अगस्त की राष्ट्रीय छुट्टी धोषित करने का भी आग्रह करेगा।
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने पुनः जोर दिया कि 1947 के भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान जो भी हिन्दु उस त्रासदी से प्रभावित हुआ वो उनके परिवार का ही सदस्य है और उस परिवार का अगर कोई भी सदस्य आज भी अगर तकलीफ में है तो ये मेरी तकलीफ है जिसे हम सभी मिलकर दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे।