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हरियाणा रोडवेज़ के बस ड्राइवर को सम्मानित करेगी सरकार, ड्राइवर ने बताया कैसे हुआ ऋषभ पंथ की कार का एक्सीडेंट

फरीदाबाद (सरूप सिंह ) हरियाणा के परिवहन विभाग के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरिद्वार से पानीपत आ रही हरियाणा रोडवेज की बस के चालक और परिचालक ने बचाई भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की जान बचाने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने मौके पर पुलिस और एंबुलेंस को बुलाकर भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत को अस्पताल पहुंचाया है।

इस मामले पर परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी समय-समय पर लोगों की मुसीबत के समय मदद करते हैं। साथ ही कई बार बस में कीमती सामान रह जाने पर भी ईमानदारी का परिचय देकर उन्हें उनके मालिक तक पहुंचाते है। उन्होंने फिर एक अच्छा कार्य इंसान की जान बचा कर किया है। कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि ऐसे सभी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।

बता दें कि जब भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की गाड़ी एक्सीडेंट हुई, उसी समय पीछे से हरियाणा रोडवेज की हरिद्वार से पानीपत आ रही थी। बस के चालक सुशील सिंह और परिचालक परमजीत ने इस घटना को देखते ही बस रोक ली और कार में सवार भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत को बाहर निकालने में मदद की।
दिल्ली से अपने घर रुड़की जाते समय भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज ऋषभ पंथ हादसे का शिकार हो गए, उनकी मर्सिडीस सुबह करीब साढ़े पांच बजे मोहमदपुर जाट के पास डिवाइडर से टकरा गई दुर्घटना के बाद कार में आग लग गई।

पंथ खुद कार का सीसा तोड़कर बहार निकले। एक्सीडेंट के बाद पंथ को बचाने वाले और हादसे के चश्मदीद, हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील कुमार ने बताया की मैं हरिद्वार से आ रहा था जैसे ही हम नारसन के पास पहुंचे 200 मीटर पहले मैंने देखा कि दिल्ली की तरफ से आती हुई कार, करीब 60-70 के स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई। टकराने के बाद कार पलट कर हरिद्वार वाली लेन पर आ गई, कार बस से कुछ ही दुरी पर थी मैंने देखा कि बस अब टक्कर लग ही जाएगी हम किसी को बचा नहीं सकेंगे।

क्योंकि मेरे पास 50 मीटर का ही फासला था। मैं तुरंत बस को सर्विस लेन से फर्स्ट लेन में ले आया। वह गाड़ी (पंथ की दुर्घटना ग्रस्त मर्सिडेस) सेकंड लाइन में निकल गई, मेरी गाड़ी 50-60 की स्पीड में थी मैंने तुरंत ब्रेक लगाया। और गाड़ी से कूदकर कार के पास गया गया। मैंने देखा की एक आदमी जो जमीन पर पड़ा हुआ था मुझे लगा कर बचेगा नहीं, कार में चिंगारियां निकल रही थी। उसके बाद हमने उसे उठाया और कार से दूर किया। मैंने उससे पूछा कोई और कार के अंदर है क्या, वह बोला मैं अकेला ही था। फिर उसने उसने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं, मैं क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानता था।

सुशील कुमार ने ऋषभ पंत को साइड में खड़ा किया और शरीर पर कपड़े नहीं पहने थे, तो मैंने अपनी चादर सुने लिपटा दिया। उसने कहा कि उसके पैसे भी गिर गए हैं तो हमने अपने पास से ₹7000 करके उसको दिए। मेरे कंडक्टर ने एंबुलेंस को फोन किया मैंने पुलिस और नेशनल हाईवे को फोन लगाया इसके बाद अस्पताल भेज दिया था। 15 से 20 मिनट के बाद एंबुलेंस आ गई उन्होंने उन्हें बैठाकर अस्पताल भेज दिया वह खून से लथपथ था और लंगड़ा कर चल रहा था हमने वीडियो नहीं बनाया उसकी जान बचाना जरूरी समझा

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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