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Ambedkar Birth Anniversary: सफाई एक वर्ग की जिम्मेदारी नहीं, यह पूरे समाज का नैतिक कर्तव्य: कृष्णपाल गुर्जर

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने Ambedkar Birth Anniversary से चल रहे स्वच्छता पखवाड़ा में सहभागिता निभाई

फरीदाबाद, (सरूप सिंह)। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भारत रत्न Ambedkar Birth Anniversary के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत स्वच्छता अभियान में सहभागिता निभाते हुए सेक्टर-28 की मार्किट में स्वयं झाड़ू लगाकर सफाई की शुरुआत की। उन्होंने सड़क पर फैली गंदगी को एकत्र कर रिक्शा के माध्यम से कचरा स्थानांतरण केंद्र तक भिजवाया, जिससे उन्होंने स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।

इस अवसर पर कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि देशभर में डॉ. अंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। जहां उन्हें संविधान निर्माता के रूप में पहचाना जाता है, वहीं यह जानना जरूरी है कि वे स्वच्छता के भी सशक्त प्रवक्ता थे। उनका मानना था कि सफाई केवल शरीर या वातावरण तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि सामाजिक सोच और व्यवस्था की भी शुद्धता आवश्यक है।

उन्होंने यह महसूस किया कि समाज में सफाई का काम एक वर्ग विशेष तक सीमित कर दिया गया है, जो कि एक अन्यायपूर्ण परंपरा है। उनका विचार था कि जब तक स्वच्छता की जिम्मेदारी समान रूप से नहीं निभाई जाएगी, तब तक समाज में बराबरी संभव नहीं। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने स्वच्छता कर्मियों को समाज की ‘रीढ़ की हड्डी’ माना और कहा कि जो कार्य सभी के लिए जरूरी है, उसे हेय दृष्टि से देखना एक सामाजिक भूल है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर बाबा साहेब के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान उन्हीं की प्रेरणा से आरंभ हुआ। इस अभियान के तहत रक्तदान शिविर, विचार गोष्ठियों और जनजागरूकता भी आयोजन जारी रहेंगे। आज जब हम स्वच्छता की बात करते हैं, तो यह ध्यान रखना आवश्यक है कि डॉ. अंबेडकर का दृष्टिकोण केवल शारीरिक सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका सपना एक ऐसा समाज था जो समता, न्याय और स्वच्छता के आदर्शों पर आधारित हो।

 

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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