12 जिलों और 518 गांवों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) से पहले दिसंबर 2024 तक गंगा एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा. सीएम योगी ने पहले ही गंगा एक्सप्रेस-वे का काम महाकुंभ-2025 से पहले करने का संकल्प लिया था. मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे से पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी के बीच की दूरी काफी कम और यात्रा आसान हो जाएगी. गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 12 जिलों और 518 गांवों से होकर गुजरेगा. गंगा एक्सप्रेस-वे 36,230 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है. गंगा एक्सप्रेस-वे को शुरुआत में सिक्स लेन का बनाया जा रहा है और आगे चलकर इसे 8 लेन का किया जाएगा.
82 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है काम
गंगा एक्सप्रेस-वे को चार ग्रुप में बनाया जा रहा है. मेरठ से बदायूं का निर्माण कार्य मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर कर रही है. बदायूं से हरदोई, हरदोई से उन्नाव और उन्नाव से प्रयागराज का निर्माण कार्य मेसर्स अदाणी इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है. अब तक लगभग 82 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है. गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास एक हवाई पट्टी भी होगी. इस हवाई पट्टी की लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर है. इसका मकसद आपात स्थिति में बड़े बोइंग विमान को उतारने की है. गंगा एक्सप्रेस-वे पर दो मुख्य जबकि अन्य स्थानों पर 15 रैम्प टोल प्लाजा होंगे.
594 किलोमीटर लंबा है गंगा एक्सप्रेस-वे
गौरतलब है कि 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में खत्म होगा. गंगा एक्सप्रेस-वे पर दो महत्वपूर्ण नदियां गंगा और रामगंगा पर पुल का निर्माण भी किया जाएगा. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग-टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी.
एक्सप्रेस-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज बनेंगे
गंगा एक्सप्रेस-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज बनेंगे. गंगा एक्सप्रेस-वे का मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होगा. इसके अलावा 12 अतिरिक्त रैम्प टोल प्लाजा होंगे. गंगा एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा. गंगा एक्सप्रेस-वे के तैयार होने के बाद मेरठ और प्रयागराज के बीच ट्रैवल टाइम कम हो जाएगा और दोनों शहरों के बीच 11 घंटे के बजाय सिर्फ 8 घंटे में सफर पूरा होगा. इससे समय और ईंधन की बड़ी बचत होगी.
NEWS SOURCE : lalluram