पलवल, (सरूप सिंह)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आगामी 20 नवंबर को पलवल में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय झलकारी बाई जयंती समारोह में मुख्यातिथि होंगे। यह समारोह ऐतिहासिक होगा, जिसके लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने शनिवार को समारोह स्थल का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया।
इस अवसर पर उनके साथ सांसद कृष्णलाल पंवार, विधायक होडल जगदीश नायर, विधायक पलवल दीपक मंगला, विधायक हथीन प्रवीण डागर, सहित अन्य प्रशासनिक एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस जयंती समारोह को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पलवल में इस समारोह का आयोजन होना, इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। इतिहास में झलकारी बाई की वीरता के अनेक प्रमाण हैं।
झलकारी बाई (22 नवंबर 1830 – 4 अप्रैल 1857) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की नियमित सेना में, महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं। वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल भी थीं इस कारण शत्रु को गुमराह करने के लिए वे रानी के वेश में भी युद्ध करती थीं। अपने अंतिम समय में भी वे रानी के वेश में युद्ध करते हुए वे अंग्रेज़ों के हाथों पकड़ी गयीं और रानी को किले से भाग निकलने का अवसर मिल गया।
झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में सुनी जा सकती है। भारत सरकार ने 22 जुलाई 2001 में झलकारी बाई के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया है, उनकी प्रतिमा और एक स्मारक अजमेर, राजस्थान में है, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी एक प्रतिमा आगरा में स्थापित की गयी है, साथ ही उनके नाम से लखनऊ में एक धर्मार्थ चिकित्सालय भी शुरु किया गया है।