फरीदाबाद, (सरूप सिंह)। भारतीय विद्यालय शिक्षा परिषद के लीगल सेल के चेयरमैन डा. तरूण अरोड़ा एडवोकेट ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों को sanskrti model schools बनाकर सीबीएसई में कन्वर्ट कर रही है। इसका भारतीय विद्यालय शिक्षा परिषद पुरजोर विरोध करता है। अरोड़ा ने कहा कि सरकार के द्वारा जो संस्कृति मॉडल स्कूलों में गरीब छात्रों से भी फीस ली जा रही है, जिसको तत्काल प्रभाव से रद्द कर समाप्त किया जाए और फ्री शिक्षा उपलब्ध करवाई जाए।
एडवोकेट तरूण अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि भारतीय विद्यालय शिक्षा परिषद हरियाणा सरकार से भारत के संविधान के आर्टिकल 21ं ए के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा की मांग करता है और यदि सरकार के द्वारा हमारी मांग पूरी नहीं की जाती तो जल्द ही हम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
अरोड़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन आने वाले केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन फीस के रूप में केवल 25 रूपए लिए जाते है, लेकिन हरियाणा सरकार के स्कूल जो मॉडल संस्कृति है उनमें एडमिशन फीस 500 रूपए है। जोकि गरीब छात्र-छात्रों के साथ अन्याय पूर्ण है। इस अवसर पर हरियाणा की चेयरपर्सन डॉक्टर मंशा पासवान एडवोकेट ने स्पष्ट किया कि भारत के संविधान की पालना प्रत्येक सरकार का कर्तव्य है और यदि सरकारों के द्वारा ही राइट टू एजुकेशन का उल्लंघन किया जाएगा तो संविधान की पालना आम नागरिक क्या करेगा।