नई दिल्ली, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के कैबिनेट द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए Unified Pension Scheme (UPS) लागू करने के निर्णय का स्वागत किया। साथ ही, रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा शासित राज्यों में “ओल्ड पेंशन स्कीम” को लेकर चुनावी वादा करने के बावजूद लागू नहीं करने पर जमकर भर्त्सना की।

रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों की चिंता सुनी, उसे समझा, उसके लिए डॉ. रंगनाथन कमिटी बनायी और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का एक सार्थक निर्णय लिया, जो बहुत ही प्रशंसनीय है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मोदी सरकार का अभिनंदन करती है।
रवि शंकर प्रसाद ने भाजपा की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की-
रवि शंकर प्रसाद ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम का वादा क्यों किया था, जब कांग्रेस पार्टी उसे लागू नहीं कर सकती है? मीडिया में यह भी बातें सामने आयी है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाएगी। क्या कांग्रेस पार्टी की सरकार ने हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया, जिसका वादा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में किया था?
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में ओपीएस लागू करने का वादा किया, किन्तु ओपीएस लागू करने में चालाकी क्यों की थी? कांग्रेस पार्टी ने कहा कि सिर्फ 2006 से पहले के कर्मचारियों को ही ओल्ड पेंशन स्कीम देंगे जबकि उनकी संख्या महज 13 हजार है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा भी नहीं किया। कांग्रेस पार्टी का यह कैसा रवैया है?
घोषणा वाली पार्टी “कांग्रेस पार्टी” क्या सिर्फ घोषणा ही करेगी या अपने घोषणा को कभी अमल लाने का भी काम करेगी?
प्रसाद ने कहा कि हिंडेनबर्ग मामले में एक कहानी देश की जनता को बताया था कि राहुल गांधी चिट पॉलिटिक्स करते हैं। किसी ने चिट पकड़ा दिया कि ओल्ड पेंशन स्कीम ले आओ, यह बहुत अच्छा मुद्दा है। किसी ने उन्हें संविधान का चिट पकड़ा दिया। उसके पहले किसी ने उन्हें राफेल का चिट पकड़ा दिया, तो कभी किसी ने उन्हें हिंडेनबर्ग का चिट पकड़ा दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि देश के कर्मचारियों की मोदी सरकार चिंता करती है, राजनीति में भी बड़ा मुद्दा बनता है। पहले ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) थी। वर्ष 2004 में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीए) बनी। इसके लिए व्यापक स्तर पर सलाह मशविरा हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उस वक्त मैं मंत्री भी था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी समेत लगभग सभी दलों ने एनपीएस का समर्थन किया था। उस वक्त एनपीएस को कांग्रेस की कई सरकारों ने भी समर्थन किया था। बाद में, उसका विरोध किया।
प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की जनता के मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं। जब कर्मचारियों के अखिल भारतीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ सेंटल गर्वनमेंट इम्पलाइज ने ओपीएस की मांग की तो तत्कालीन वित्त सचिव, जो वर्तमान में होने वाले कैबिनेट सचिव डॉ सोमनाथन जी की अध्यक्षता में पेंशन स्कीम को लेकर कमिटी गठित की गयी थी। डॉ सोमनाथन कमिटी की सिफारिशों को कल मोदी सरकार के कैबिनेट ने स्वीकार किया।
