पलवल, (सरूप सिंह)। उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि flag code of India के भाग-॥ के पैरा 2.2 की धारा (&) के अनुसार देश के नागरिकों द्वारा कागज के बने National Flag को राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेलकूद के अवसरों पर हाथ में लेकर फहराया जा सकता है, लेकिन आमजन मानस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे समारोह के समापन के उपरांत कागज के बने राष्ट्रीय झंडे को न तो विकृत किया जाए और न ही उन्हें जमीन पर फेंका जाए।
इन झंडों का निपटान उनकी मर्यादा के अनुरूप एकांत में किया जाए। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केंद्र सरकार के उप सचिव ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वहीं आमजन को भी स्वयं ऐसा न करने और दूसरों को भी जागरूक करने का आह्वान किया गया है। बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण, प्रयोग, प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 और भारतीय ध्वज संहिता-2002 द्वारा नियंत्रित है।
इन बातों का रखें विशेषकर ध्यान
उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि कोई भी व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन या कोई भी शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय झंडे को सभी दिनों, औपचारिकताओं व अन्य अवसरों पर फहरा या प्रदर्शित कर सकते हैं। बशर्ते राष्ट्रीय झंडे की मर्यादा और सम्मान का विशेषकर ध्यान रखा जाए। इसमें ध्यान रखा जाए कि राष्ट्रीय झंडे का आकार आयताकार होगा। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए, क्षतिग्रस्त या मैला झंडा प्रदर्शित नहीं किया जाए।
उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय झंडे को किसी अन्य झंडे के साथ एक ही ध्वज-दंड से नहीं फहराया जाए। संहिता के भाग- III के धारा- IX में उल्लेखित देश के गणमान्य व्यक्तियों जैसे महामहिम राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल आदि के अलावा राष्ट्रीय ध्वज को किसी वाहन पर नहीं फहराया जाएगा। किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाना चाहिए।
Author: Prime Haryana
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