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प्रभारी ने टिकट देने से किया इनकार, कहा- वे हमारी पार्टी के सदस्य नहीं: पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को बड़ा झटका

टोहाना : लोकसभा चुनाव में सिरसा लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व पंचायत मंत्री एवं विधायक देवेंद्र सिंह बबली और उनके समर्थकों को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने टिकट देने से इंकार कर दिया है जबकि देवेंद्र बबली पिछले दो दिन से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा के निवास पर गए हुए थे, अब बबली के समर्थकों के हाथ भी मायूसी लगी है। देवेंद्र बबली ने देर रात्रि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी और आज वे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर सकते है।

कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थे बबली 

देवेंद्र बबली चुनाव के बाद से कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थे जिसके तहत उनके पास कभी कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा तो कभी कुमारी शैलजा से बातचीत चल रही थी तो बबली समर्थकों को भी कांग्रेस की टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब बबली की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले देवेंद्र बबली मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी माने जाते थे और उनके भाजपा को समर्थन देने की अटकलें थी लेकिन सुभाष बराला के विरोधी होने के चलते बबली के संगठन ने कांग्रेस को समर्थन दिया, जिसका लाभ कांग्रेस को मिला। कुमारी शैलजा ने टोहाना से बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की थी। वहीं शैलजा जीत के बाद बबली के कार्यालय में आकर उनके संगठन का धन्यवाद करने आई थी तो अब कुमारी शैलजा से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे बबली की उम्मीद को झटका लगा है।

ये है राजनीतिक कैरियर

देवेंद्र सिंह बबली ने वर्ष 2007 से टोहाना में समाजसेवा में क्षेत्र में एक्टिव हुए जिसके तहत युवाओं को क्रिकेट किट बांटना, बुजुर्गों का मान-सम्मान करना, आंखों के ऑपरेशन करवाना सहित विभिन्न गतिविधियां शामिल रही। बबली ने पहली बार साल 2014 में कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री रहे सरदार परमवीर सिंह और भाजपा नेता सुभाष बराला के समक्ष निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस चुनाव में बबली को जनता का सहयोग मिला और वे करीबन 38282 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे। शानदार प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के संपर्क में आकर कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस के लिए जी-तोड़ मेहनत की, लेकिन चुनाव आते वर्ष 2019 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट न देकर पूर्व मंत्री परमवीर सिंह को टिकट दी। टिकट न मिलने के बाद बबली जेजेपी में शामिल हो गए और जनता के सहयोग से बबली को 100752 वोट करीब 57 फीसदी वोट मिले और उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को 52 हजार से अधिक वोट के अंतर से हराया जिसमें पूर्व मंत्री परमवीर सिंह की जमानत जब्त हो गई। बबली को जेजेपी कोटे से गठबंधन सरकार में पंचायत मंत्री बनाया गया, लेकिन बबली ने विधानसभा चुनाव से पहले जेजेपी से इस्तीफा दे दिया है।

NEWS SOURCE Credit : punjabkesari

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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