खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने मे अहम भूमिका निभा रही प्रदेश सरकार की खेल नीति
प्रदेश में खेल नर्सरियों को और अधिक प्रभावी व सशक्त बनाने की दिशा में किया जा रहा कार्य
पलवल, (सरूप सिंह)। प्रदेश सरकार में खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता राज्य मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि ‘देशां मै देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना’ ये कहावत हरियाणा के बारे में हर स्तर पर कही जाती है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल प्रतियोगिता की बात हो, ओलंपिक्स, कॉमनवेल्थ या एशियन गेम्स इन सभी खेलों में भारत देश को सर्वाधिक मेडल दिलाने में देश के करीब दो फीसदी आबादी वाले हरियाणा राज्य का अहम योगदान रहता है।

वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा Power House of Sports बन चुका है, और प्रदेश के खिलाड़ी इस बात को साबित कर रहे हैं। प्रदेश के खिलाड़ी ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियन व कामनवेल्थ खेलों में और अधिक पदक जीते इसलिए खिलाडिय़ों को और ज्यादा खेल सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसी कड़ी में खेल नर्सरियों को और ज्यादा प्रभावी और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि ग्रामीण आंचल में खिलाडिय़ों के हुनर को निखारने के लिए प्रदेश में खेल नर्सरी बनाई गईं। इतना ही नहीं गांव के लोगों की खेलों में रूचि बढ़े, इसके लिए खेल व्यायामशालाएं बनाई गई। खेल स्टेडियमों का सुधारीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरों में खिलाडिय़ों के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बनाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें खेलों की सभी सुविधाएं मिल सके।
खेलों के मैदान में हरियाणा के खिलाडिय़ों के शानदार प्रदर्शन के पीछे खिलाडिय़ों की मेहनत के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा लागू की गई खेल नीति है, जो खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है। प्रदेश में जहां अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीतने वाले खिलाडिय़ों को बड़ी रकम इनामी राशि के तौर पर दी जाती है, वहीं नौकरी के साथ-साथ खेलों की तैयारी के दौरान भी वित्तीय मदद दी जाती है।
हरियाणा में विभिन्न प्रतियोगिता विजेता खिलाडिय़ों को दी जाती है बंपर इनाम राशि : खेल मंत्री
खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जो पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कार के तौर पर सबसे ज्यादा राशि देता है। हरियाणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रत्येक प्रतियोगिता के मुताबिक पुरस्कार राशि तय की हुई है। हरियाणा प्रदेश में ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को छह करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को चार करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को ढाई करोड़ की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है।
इसके साथ ही सरकार द्वारा ओलंपिक में प्रतिभागिता करने वाले खिलाडिय़ों को भी 15-15 लाख की राशि दी जाती है। उन्होंने बताया हरियाणा में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को तीन करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 75 लाख की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है। वहीं कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को 75 लाख और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 50 लाख की राशि दी जाती है।