फरीदाबाद, (सरूप सिंह)। haryana assembly election 2024 I am NIT 86……, वैसे तो मैं आजादी के समय में अस्तित्व में आई थी, और एक सुव्यवस्थित टाउनशिप के तौर पर मेरा विकास हुआ। जिसमे बड़ी बड़ी कंपनियों के कारखाने, स्कूल अस्पताल चौड़ी सड़कें सब कुछ था। इन सब के चलते यहाँ के लोगों ने खूब विकास किया और पूरी दुनिया में मेरी पहचान बनी। फिर साल 2009 में पुरे क्षेत्र के दो हिस्से कर एक हिस्से को NIT 86 का नाम देकर विधानसभा बना दिया गया। आज इस हिस्से के बारे में बात करते हैं।
जैसे जैसे शहर की आबादी बढ़ी वैसे वैसे इस हिस्से को 2009 में Faridabad NIT 86 के तौर पर विकसित करके के लिए इसको विधान सभा बनाया गया जिसमे आयशर मोटर्स जैसी फैक्ट्रीज थी, जिनके सहारे कॉलोनीज में छोटी छोटी वर्क्सशॉप आबाद थी । इसके अलावा न कोई अस्पताल था, न कॉलेज, न ही क्षेत्र के लोगों की छोटी मोटी जरूरतों के लिए तहसील। इस के पहले निर्दलीय विधायक के तौर पर 2009 में Pandit Shiv Charan Lal Sharma ने मोर्चा संभाला और इसको नया रूप देने के काम में जुटे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री रहे।
इससे पहले पंडित शिव चरण लाल शर्मा जोकि नगर निगम में पार्षद भी रहे उनकी पत्नी माया शर्मा और बेटा मुकेश शर्मा को लोगों ने भी नगर निगम पार्षद बनाया। कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेंदिर सिंह के नजदीकी होने का शिव चरण लाल शर्मा ने इस क्षेत्र को पूरा फ़ायदा दिया। परिवार में तीन तीन पार्षद होने के कारण पंडितजी को हर गली हर वार्ड की समस्या की जानकरी थी। तो चरणबद्ध तरीके से एनआईटी 86 चमकाने लगी।
विधायक के तौर पर पंडित शिवचरण लाल शर्मा में अपने पहले ही कार्यकाल में क्षेत्र के एकमात्र सेक्टर 55 में अस्पताल बनवाया, जोकि आजतक भी पूर्ण रूप से शुरू नहीं हो पाया है। करोड़ों की लगत के बनी बिल्डिंग आज भी धुल फांक रही है। इसके अलावा नेकपुर में महिला कॉलेज का निर्माण करवाया वो भी आज तक छात्राओं की रह देख रहा है। बस एक सब तहसील है जो की सुचरु रूप से काम कर रही है।
2014 में शिवचरण लाल शर्मा को हार को मुँह देखना पड़ा और इन चुनावों में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के nagendra bhadana विधायक बने उसके बाद बीजेपी राज में इस एनआईटी 86 के दुर्दशा शुरू होनी शुरू हुई जो यहाँ की सड़कें तालाब बनती चली गई। गलियों में सीवर जाम होने लगे, पानी की नकसी जाम हो गई, बच्चे खुले नालों में डूबकर मरने लगे। टूटी सड़कें दुपहिया वाहनों की जान लेने लगी। लोग सड़कों पर उतारकर धरना प्रदर्शन को मजबूर होने लगे लेकिन किसी ने इस क्षेत्र की सुध नहीं ली।
इन सब अव्यवस्थों के बीच 2019 में लोगों ने सोचा की दोबारा पंडित शिव चरण लाल शर्मा के परिवार को क्षेत्र की बाग़डोर सौंपी जाये ताकि इस स्लम को और बदतर होने से रोका जा सके। और Neeraj Sharma को विधानसभा भेजा गया। लेकिन इस सब का कोई फ़ायदा नहीं हुआ। नीरज शर्मा ने अपने पिता के बिलकुल विपरीत काम किया और पुरे पांच साल कभी चोटी कटवा लूंगा, कभी चप्पल नहीं पहनूँगा, कभी कथा करूँगा और अंत में बात कफ़न पहनने तक आ गई लेकिन इस एनआईटी 86 के मर्ज नासूर बनता चला गया। कॉलोनियों से बने NIT 86 विधानसभा का आज भी बुरा हाल है।
Author: Prime Haryana
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One Response
Very good ,impartial &daring artical. Keep it up.