फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान नवजात बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद मृतक बच्चे के परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ पर डिलीवरी करवाने में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल मृतक के पिता संदीप का कहना है कि वह इसकी शिकायत सीएमओ व पुलिस से करेंगे और सही जांच की मांग करेंगे ताकि उनकी पत्नी की डिलीवरी के दौरान की गई लापरवाही का खुलासा हो और उनके खिलाफ उचित कार्रवाही हो।
बच्ची के ताऊ शिव कुमार ने बताया कि उनका भाई संदीप अपनी पत्नी को कल सुबह 9:00 बजे डिलीवरी करने के लिए लेकर आए थे। इसके बाद डॉक्टरों ने उसकी पत्नी वर्षा को डिलीवरी करने के लिए भर्ती कर लिया। उसे बताया गया कि बच्चा सही सलामत है। रात 12:00 बजे तक उनकी पत्नी की डिलीवरी हो जाएगी। रात तक भी पत्नी की डिलीवरी नहीं हुई, तब सुबह उन्होंने डॉक्टर और स्टाफ से वर्षा के हाल-चाल के बारे में पूछा तो इस दौरान डॉक्टर और स्टाफ ने उनसे सही से बात नहीं की। केवल इतना बताया कि वर्षा की नॉर्मल डिलीवरी कर दी जाएगी। दोपहर 1:00 तक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद वह वर्षा के लिए दो यूनिट ब्लड लेकर आए, लेकिन कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि उनके बच्ची को नहीं बचाया जा सका।
संदीप के मुताबिक उनकी पत्नी की डिलीवरी करने के दौरान चार-चार स्टाफ नर्सों ने उसके पेट को न केवल दबाया, बल्कि उसके पेट पर घूंसे मारे और डिलीवरी कराने के लिए नीचे कट लगा दिया। उन्हें लगता है कि गलती से उनसे गलत जगह पर कट लग गया जिसके कारण वर्षा की ब्लीडिंग बढ़ गई और उसकी हालत नाजुक होती चली गई।
वहीं संदीप की सास रेखा के मुताबिक जब उनकी बेटी वर्षा की जब कल सुबह से लेकर आज दोपहर तक डिलीवरी नहीं हुई तो वह अस्पताल की स्टाफ से पूछने के लिए गई जहां पर एक स्टाफ ने कहा कि वह उन्हें 3000 रुपए दे दे तो वह नॉर्मल डिलीवरी यहीं पर कर देगी। इसके बाद रेखा ने उसे कहा कि आप नॉर्मल डिलीवरी कर दीजिए वह उन्हें 3000 रुपए दे देगी। 3000 रुपए के लालच में ही उस स्टाफ ने उनकी बेटी की डिलीवरी कराने में जल्दबाजी की जिसके चलते उन्होंने डिलीवरी के दौरान बच्चेदानी में कोई गलती से कट मार दिया, कट लगने के चलते काफी खून बहने के कारण उनकी बेटी की आंखों के आगे अंधेरा आ गया ,बेटी ने उन्हें बताया कि स्टाफ ने उसके पेट में घूंसे भी मारे है और अब उसकी आंखों के आगे अंधेरा आ रहा है जिसको लेकर डिलीवरी करा रही स्टाफ के हाथ पांव फूल गए तब आनन फानन में उन्होंने किसी बड़ी लेडी डॉक्टर को बुलाया इसके बाद तत्काल में उनकी बेटी को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया जहां पर उनकी बेटी की जान तो बच गई लेकिन उनकी उसके पेट में पल रही बच्ची अस्पताल की स्टाफ की लापरवाही के चलते नहीं बच पाई। वह चाहती हैं कि उनकी बेटी की डिलीवरी में लापरवाही बरतने वाले स्टाफ और उनसे 3000 रुपए की मांग करने वाले स्टाफ के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari
Author: Prime Haryana
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