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पिता पुत्र के मुख्यमंत्री न बनने पर कई पत्रकारों के सपने टूटे, अब नायब सैनी के चक्कर काट रहे

रोहतक (दीपक खोखर)। Bhupendra Singh Hooda या फिर दीपेंद्र हुड्डा के मुख्यमंत्री न बनने के कारण रोहतक समेत हरियाणा के कई पत्रकारों के भी सपने टूट गए हैं। ये पत्रकार हूडा पिता पुत्र की जोड़ी के सलाहकार बनने के चक्कर में घूम रहे थे। इसी चक्कर में कई ने तो अखबार, टीवी चैनल और सोशल मीडिया पर जमकर चमचागिरी हुड्डा परिवार की की, सपना दिखा कि 55 सीट तो तय है। जबकि ये घर से बाहर निकले ही नहीं।

File Photo

इन्हें उम्मीद थी कि 8 अक्टूबर को हूडा के मुख्यमंत्री बनने से पहले नियुक्ति इन्हें मिलेगी। लेकिन बीजेपी सरकार बनते ही इनका सपना टूट गया है। पर इतने बेशर्म है कि कई ने तो अब नायब सिंह सैनी के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। बाकायदा वहां मैसेज भेजना शुरू कर दिया है। इसमें मदद आईबी और सीडीआई के दलाल दाइप कर्मचारियों की ले रहे हैं। इसलिए सावधान हो जाएं, इस बार फिर पत्रकारों को इस्तेमाल होगा।

मतगणना से पहले कई ऐसे तथाकथित पत्रकार थे तो खुलकर ये कह रहे थे कि हुड्डा सरकार तो तय है। इन तथाकथित पत्रकारों ने सारी सीमाएं लांघ दी थी। ये देखा ही नहीं कि असल में स्थित क्या है। बहुत सारे पत्रकारों को चंडीगढ़ से पेमेंट मिली थी, 1 लाख से लेकर 5 लाख रूपए तक। ये पूरे हरियाणा की बात है। बाकी कुछ तो ऐसे थे जिन्हें सिर्फ 10 हजार रूपए से 50 हजार रूपए तक मिले थे।

जबकि कुछ ऐसे थे जो ये सोच रहे थे कि हुड्डा पिता पुत्र में जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, वहां गोटी बैठा लेंगे। वहां सलाहकार के तौर पर अपनी भूमिका पहले से ही तय करके बैठे थे। इसलिए पूरी तैयारी कर ली थी। दीपेंद्र हुड्डा उतने समझदार नहीं है, इसलिए हिंदी और अंग्रेजी वाले ने उन्हें जाल में फंसाकर गलत रिपोर्ट दे दी, लेकिन अब वे भी पलटी मार गए।

यही नहीं पिछले कुछ माह से रोहतक में यह हो रहा था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब भी रोहतक में आते थे, कुछ अनपढ टाइप, जिन्हें पत्रकार कहने में भी शर्म है, 10वीं व 12 वीं पास, बिना बुलाए हुड्डा के घर पर पहुंच जाते थे, सवाल इनके पास कुछ होते नहीं थे, इसलिए हुड्डा की चमचागिरी करते थे और बावजूद इसके भूपेंद्र हुड्डा भी इनकी जमकर बेइज्जती करते थे, ये हंसते थे, बेशर्म आदमी हैं, फिर आ जाते थे, गलत रिपोर्ट देते थे।

हुड्डा के घर से जाकर बीजेपी वालों के पास जाकर हुड्डा की बुराई करते थे। इसके अलावा हुड्डा पिता पुत्र के गिर्द इर्द भी कुछ ऐसे तथाकथित पत्रकार भी हैं, जिन्हें कोई जानकारी किसी प्रकार नही है, लेकिन वे भी सलाहकार बने घूम रहे थे। कई तो ऐसे थे जो घर नहीं निकले लेकिन विधानसभा सीटों की ऑनलाइन सोशल मीडिया पर समीक्षा कर थे कि 55 विधानसभा सीट तो तय हैं। इसलिए पूरी कांग्रेस पार्टी इनके चक्कर में ओवर कांफेंडेट हो गई।

चंडीगढ़ में हुड्डा परिवार के लिए सेटिंग करने वाले सोशल मीडिया के प्रमुख चांद मोहम्मद से भी सावधान होने की जरूरत है। उसने सबसे ज्यादा इस परिवार का नुकसान किया है। पैसे देकर पूरे हरियाणा में अलग अलग सोशल मीडिया वाले से गलत रिपोर्ट तैयार करवाई। सबसे ज्यादा नुकसान इसी ने उस दिन कर दिया जब हुड्डा परिवार ने सांघी गाव में वोट डाली। हर बार ये होता था कि हुड्डा परिवार का एक साथ वोट डालता था और फिर फोटो खिंचवाता आता था।

लेकिन इसने स्वार्थ में चक्कर में हुड्डा साहब के साथ गाड़ी में अपना फोटो खिंचवाकर 5 अक्टूबर को जारी करवा दिया और वह फोटो पूरे हरियाणा में हर व्हट्सएप ग्रुप और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस बात की नेगेटिव इमेज पूरे हरियाणा में गई कि हुड्डा मुख्यमंत्री बन रहे हैं, इसलिए बाकी जातियों ने वोट नहीं दिया। सब बताएं क्या हुड्डा परिवार का एक साथ फोटो आया क्या, जो कई साल से आता था।

बाकी एक दिव्यांग और बिना बाल वाला पत्रकार भी अपने लिए सेंटिंग के चक्कर में था। हुड्डा परिवार भी समझ जाए, कौन अपना है कौन पराया। लेकिन फिर भी समझ में नहीं आएगा। हुड्डा परिवार को सलाह है कि भविष्य में राजनीति करनी है तो रोहतक रहना होगा, न कि दिल्ली या गुरूग्राम में हाजिरी देने वाले पत्रकारों के चक्कर में रहना। ये तथाकथित ने अब नायब सैनी को हाजिरी शुरू कर दी है, नायब सैनी भी सावधान रहें।

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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