रोहतक (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। उपायुक्त यशपाल ने कहा है कि हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं फसल विविधिकरण योजना इन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत हरी खाद की खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ 720 रुपये के अनुदान का प्रावधान है।
फोटो- उपायुक्त, यशपाल
हरी खाद की खेती पर अनुदान
उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यूरिया के बजाए हरी खाद ढेंचा एक बेस्ट इको फ्रैंडली ऑप्शन है। यूरिया के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जबकि हरी खाद की खेती के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। ये वातावरण में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में मददगार है ही, मिट्टी में जीवांशों की संख्या भी बढ़ती है। हरी खाद से भूजल स्तर भी बेहतर पाया गया है, इसलिए हरी खाद ढेंचा की खेती पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
कैसे मिलेगा इस योजना का लाभ
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि यदि आप हरियाणा के किसान हैं तो ढेंचा के बीजों को अनुदान पर हासिल कर सकते हैं। इसके लिए मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 4 अप्रैल 2023 तक ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा दी गई है। यहां ऑनलाइन एप्लीकेशन देने के बाद किसान को रजिस्ट्रेशन स्लिप, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड समेत सभी आवश्यक दस्तावेजों की कॉपी हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र पर सब्मिट करनी होगी। यही पर 20 प्रतिशत राशि का भुगतान करके किसान भाई अनुदान पर हरी खाद का बीज हासिल कर सकते हैं।
10 एकड़ पर अनुदान
उपायुक्त यशपाल ने कहा कि सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, राज्य के किसानों को हरी खाद की खेती के लिए प्रति एकड़ 720 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। किसान अधिकतम 10 एकड़ तक यानी 7200 रुपये तक अनुदान ले सकते हैं। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि सरकार ने खेती की लागत को कम करते हुए 80 प्रतिशत खर्च वहन करने का प्रावधान किया है यानि किसान सिर्फ 20 प्रतिशत सब्सिडी पर ढेंचा के बीज खरीद सकते हैं।