Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक में भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने 57 किलो फ्री स्टाइल कैटेगरी में बॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है। ये ओलंपिक में उनका पहला मेडल है। इसके साथ ही पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत के कुल 6 मेडल हो गए हैं जिनमें से 4 मेडल हरियाणा ने दिलाए। अमन ने बॉन्ज मेडल मुकाबले में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से शिकस्त दी। अमन की मेडल जीतने की ये जर्नी आसान नहीं रही। बॉन्ज मेडल मैच के दौरान अमन चोटिल हो गए थे। मैच के दौरान उनके नाक के उपर से खून निकलने लगा। इसके बावजूद अमन मैट पर डटे रहे और भारत की झोली में में एक और मेडल डालने में कामयाब रहे।
बता दें कि प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइन में अमन सहरावत ने प्रतिद्वंदी पहलवानों को टेक्निकल सुपीरियॉरिटी में हराकर सेमीफाइनल में धमाकेदार एंट्री मारी थी। इसके बाद देश को उम्मीद थी कि अमन भारत के लिए सिल्वर या फिर गोल्ड मेडल लाएंगे, लेकिन जिस एक तरफा प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल का मुकाबला अमन ने जीता था। उसी तरह सेमीफाइनल का मुकाबला हार गए। सेमीफाइनल में उन्होंने एक प्वाइंट भी जापानी रेसलर के सामने हासिल नहीं किया। 21 वर्षीय अमन सहरावत पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले एकमात्र पुरुष पहलवान हैं।
पिता का सपना था, घर में कोई मेडल जीते
अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को झज्जर जिले के भिड़होड गांव में हुआ था। अमन ने 8 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की थी। अमन जब 11 साल के थे, तब उनकी मां कमलेश की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद उसके पिता सोमवीर सहरावत भी बीमार रहने लगे। 6 महीने के बाद पिता का भी देहांत हो गया। अमन की मौसी सुमन ने बताया कि अमन का मन बचपन से ही खेलकूद में लगता था। वह मौसेरे भाई दीपक के साथ रनिंग और अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास करने लगा। अमन के पिता चाहते थे कि घर में कोई पहलवानी करे और देश के लिए मेडल जीते।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari
Author: Prime Haryana
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