केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में वायनाड हादसे पर जवाब दिया। शाह ने कहा कि वायनाड की घटना बेहद दुखद है। उन्होंने बताया कि 23 जुलाई को ही केरल सरकार को अलर्ट कर दिया गया था। शाह ने आरोप लगाया कि आमतौर पर कई राज्य ऐसी चेतावनियों पर ध्यान देते हैं, लेकिन केरल सरकार ने इसे नजरअंदाज किया।
अमित शाह ने वायनाड में भूस्खलन हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की। शाह ने कहा कि मैं सदन को स्पष्ट करना चाहता हूं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से चेतावनी दी गई थी। इसके बाद फिर 24 और 25 जुलाई को चेतावनी दी गई थी। 26 जलुना को बताया गया कि 20 सेमी से ज्यादा बारिश होगी, और लैंडस्लाइड होने की भी संभावना है। मिट्टी गिर सकती है और लोग इसमें दबकर मर सकते हैं। लेकिन केरल सरकार ने इसे नजरअंदाज किया।
यह समय वायनाड के लोगों के साथ खड़े रहने का- शाह
अमित शाह ने राज्यसभा में वायनाड हादसे पर कहा कि देश की कई राज्य सरकारों ने अर्ली वार्निंग सिस्टम पर काम किया है, जिससे हादसे में किसी की जान नहीं गई। उन्होंने उदाहरण दिए कि गुजरात को तीन दिन पहले अलर्ट किया गया था और वहां एक भी जानवर की मौत नहीं हुई। ओडिशा की सरकार ने भी हमारी वार्निंग मानी, जिससे वहां सिर्फ एक व्यक्ति की मौत हुई, वो भी गलती से। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 2000 करोड़ रुपये खर्च कर यह अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया है, जो दुनिया के केवल चार देशों के पास है। बिजली गिरने का अलर्ट भी हमारे पास है, जो डीएम के पास जाता है। अमित शाह ने कहा कि यह समय केरल और वायनाड के लोगों के साथ खड़े रहने का है।
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