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RBSK Program: भारत में 6 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी प्रकार के जन्म दोष के साथ पैदा होते

पलवल, (प्राइम न्यूज़ ब्यूरो)। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस मार्च महीने को राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उप सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष 3 मार्च को विश्व जन्म दोष दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK Program) के अंतर्गत निवारक उपायों और उपचार विकल्पों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में सभी को जागरूक करना जरूरी है।

लगभग 6 प्रतिशत बच्चे किसी न किसी प्रकार के जन्म दोष के साथ पैदा होते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनमे जन्मजात हृदय दोष, क्लब फुट (पंजों का अंदर की तरफ मुड़ा होना), क्लेफ्ट लिप एंड क्लेफ्ट पेलेट (कटे होंठ व कटा तालु), न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (पीठ पर फोड़ा होना), जन्मजात बहरापन व अंधापन, समय से पहले रेटिनोपैथी, डाउन सिंड्रोम तथा डेवलपमेंटल डिस्प्लेशिया आफ हिप (डीडीएच) और अन्य जन्म दोष शामिल हैं।

इसके बावजूद भी यदि इन बच्चों को जीवन की विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाए तो वह अपने परिवार व समुदाय के लिए अत्यधिक खुशी और प्रेरणा लेकर आते हैं। जागरूकता के इस महीने भर चलने वाले उत्सव के दौरान आरबीएसके कार्यक्रम द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रारंभिक जांच, निदान व समय पर रेफरल, हस्तक्षेप व उपचार के महत्व पर प्रकाश डालना महत्वपूर्ण है।

एक सक्रिय दृष्टि अपनाते हुए किसी भी बच्चे के जीवन में शुरुआती जन्म दोषों की पहचान कर उसका समाधान किया जा सकता है। ऐसे जन्म दोष वाले बच्चों की उचित समय पर चिकित्सा और सहायता सुनिश्चित की जा सकती है। उप सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी ने बताया कि इस अभियान द्वारा ऐसे बच्चों को अच्छा व सही पालन पोषण करने के लिए परिवारों की सही जानकारी और संसाधनों के साथ सशक्त बनाया जा रहा है।

जन्म दोष वाले बच्चों के परिणामों में सुधार के लिए शीघ्र पता लगाकर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को और व्यापक समुदाय को शिक्षित करना चाहिए। RBSK Program के ठोस प्रयासों के माध्यम से हरियाणा के प्रत्येक बच्चे को वह देखभाल और ध्यान दिया जा रहा है। डा. रामेश्वरी ने बताया कि पलवल RBSK Program के कार्यान्वयन के साथ जन्म दोषों के साथ पैदा होने वाले बच्चों की चिकित्सा, शल्य चिकित्सा और पुनर्वास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उल्लेखनीय है कि जिला पलवल में RBSK Program के अंतर्गत एक डीईआईसी सेन्टर व 9 टीमें कार्यरत हैं। सर्जिकल हस्तक्षेप के लिए माध्यमिक और तृतीयक स्तर की कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए सभी नागरिक अस्पतालों में जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र स्थापित किए गए हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत टीमों के चिकित्सकों द्वारा भेजे गए बच्चों को डीईआईसी द्वारा टर्सरी लेवल पर भेज कर उचित उपचार किया जाता है

Prime Haryana
Author: Prime Haryana

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