पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों की पहचानकर सशक्त बनाना
फरीदाबाद, (सरूप सिंह)। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि PM Vishwakarma Yojana का लाभार्थी अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि जिला फरीदाबाद में औजारों का उपयोग कर कार्य करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की पहचान करके उन्हें सशक्त बनाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की एक योजना है।
इस योजना का उद्देश्य हाथ से या औजारों का उपयोग करके काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचानना और उन्हें सशक्त बनाना है। इस योजना को वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए लागू किया जाएगा। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगर या शिल्पकार आते हैं।
वहीं सरकार के दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट अनुसार जो परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में लगे हुए हैं वह भी शामिल हैं। ऐसे लाभार्थी द्वारा स्वरोजगार/ व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रहीं क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा योजना के तहत ऋण नहीं लिया गया हो।
हालांकि मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। वहीं 5 वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी। योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। एक परिवार को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों को मिलाकर परिभाषित किया गया है। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
Author: Prime Haryana
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